पेंडोरा पेपर्स लीक में कैसे फंस गए सचिन तेंदुलकर और अनिल अम्बानी Pandora scam 2021 India | Pandora Papers Leak in Hindi

पेंडोरा पेपर्स क्या हैं पेंडोरा पेपर्स लीक इतनी चर्चा में क्यों है [ what are Pandora papers why Pandora papers leak is so much discussed ]

पेंडोरा पेपर्स क्या हैं What are Pandora papers ?

पैंडोरा पेपर्स एक अंतर्राष्ट्रीय रूप से किया गया इतना बड़ा भ्रष्टाचार है, जिसका खुलासा लगभग 11.5 मिलियन डॉक्यूमेंट फाइल के लीक होने से हुआ। यह फाइल पमाना स्थित एक अपतटीय मोस्सक फोंसेका फर्म से सम्बंधित थी। इसमें दुनिया भर के बहुत सारे देशों के प्रधानमंत्री , राष्ट्रपति या उनके सम्बन्धी और बहुत सारे फ़िल्मी सेलिब्रिटी और स्पोर्टस्टार भी शामिल हैं इसलिए जब कभी ये पैंडोरा पेपर्स या पैंडोरा पेपर्स लीक का मामला उछलता है तो न्यूज़ चैनल की सुर्ख़ियों में छ जाता है।

अपतटीय मोस्सक फोंसेका फर्म नाम की यह कंपनी कई देशों के लोगों को टैक्स बचाने में ग़ैर कानूनी रूप से मदद करती है। जिसमें बहुत सारे अवैध तरीकों से पैसो को एक देश से दूसरे देश भेजा जाता है इसमें मनी लौन्ड्रिंग भी शामिल है।

अगर मात्रा के मामले की बात करें तो, यह पैंडोरा पेपर्स लीक इतिहास में लीक हुए अब तक के डेटा का सबसे बड़ा भंडार है। यह एंगुइला, बेलीज, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, पनामा, बारबाडोस, साइप्रस, दुबई, बहामास, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, सेशेल्स और वियतनाम में सक्रिय अपतटीय सेवा प्रदाताओं से आता है।

क्या है पैंडोरा पेपर लीक? What is Pandora paper leak?

पैंडोरा पेपर लीक ऐसा लीक है, जिसमें दुनिया भर के कुछ अमीर और शक्तिशाली लोगों द्वारा टैक्स से बचने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग जैसे तरीकों के इस्तेमाल का खुलासा किया गया। इसमें दुनिया भर के अमीर और शक्तिशाली व्यक्तियों, फ़िल्मी सेलिब्रिटियों और स्पोर्टस्टार्स के नाम आ रहे हैं। इसमें भारत के करीब 380 लोगों से ज्यादा के नाम हैं जिसमें अमिताभ बच्चन, अनिल अम्बानी , सचिन तेंदुलकर और जैकी श्रॉफ आदि के नाम शामिल हैं।

पैंडोरा पेपर्स लीक अभी चर्चा में क्यों है

अब तक की सबसे बड़ी मनी लॉन्ड्रिंग में भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के जनवरी 2018 में भारत से भाग जाने के एक महीने पहले, उसकी बहन पूर्वी मोदी ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में ट्राइडेंट ट्रस्ट कंपनी, सिंगापुर के माध्यम से गठित एक ट्रस्ट के कॉर्पोरेट प्रोटेक्टर के रूप में कार्य करने के लिए एक फर्म की स्थापना की।

द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा जांचे गए रिकॉर्ड से पता चलता है कि यह फर्म, ब्रुकटन मैनेजमेंट लिमिटेड को दिसंबर 2017 में ट्राइडेंट ट्रस्ट कंपनी, सिंगापुर के कॉर्पोरेट रक्षक के रूप में कार्य करने के लिए स्थापित किया गया था।

पूर्वी मोदी ने बीवीआई कंपनियों के निगमन फॉर्म में, घोषणा की कि ब्रुकटन में निवेश किए जाने वाले धन का स्रोत वेतन और उनकी व्यक्तिगत कमाई थी। ये फॉर्म पूर्वी मोदी ने फायरस्टार फर्म के क्रिएटिव डायरेक्टर के रूप में जारी किये।

फायरस्टार फर्म, वो ही फर्म है जिस पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को तथा अन्य बैंकों को करीब $ 2 बिलियन (13,600 करोड़ रुपये धोखाधड़ी का आरोप है।

फायरस्टार फर्म और पूर्वी मोदी द्वारा द्वारा बनाये गए ट्राइडेंट ट्रस्ट कंपनी, सिंगापुर दोनों के ही दस्तावेज सम्मिलित रूप से पेंडोरा पेपर्स का हिस्सा हैं।

पेंडोरा पेपर्स लीक की जाँच कौन कर रहा है Who’s Investigating the Pandora Papers Leak

‘पेंडोरा पेपर्स’ की जांच इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ़ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) द्वारा की जा रही है , जिसमें 91 देशों से द इंडियन एक्सप्रेस सहित 150 मीडिया आउटलेट शामिल हैं और इसमें दुनिया भर के 600 पत्रकार शामिल हैं और ये संगठन 1.19 करोड़ से अधिक दस्तावेजों की जांच कर रहा है।

पेंडोरा पेपर्स लीक की जांच को बीबीसी और गार्जियन न्यूज़ पेपर ने लीड किया है इसमें करीब 64 लाख दस्तावेज, 30 लाख इमेजेज, 10 लाख इमेल्स और 5 लाख से ज्यादा स्प्रेडशीट को स्कैन किया गया है।

पेंडोरा पेपर्स लीक में किन किन सेलेब्रिटी के नाम हैं

पेंडोरा पेपर्स लीक होते ही सभी न्यूज़ चैनल और समाचार पत्रों की दुनिया भर में सुर्खियों में आए हैं और इसमें सभी निवेशकों विशेषकरअभिजात वर्ग में सदमे की लहरें आ गयी। क्योंकि उनके लाखों निवेश, जिनमें से अधिकांश संदिग्ध और कर से बचने को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं, लीक हो गए हैं।

पेंडोरा पेपर्स की लीक में प्राप्त हुई सूची में राजनेता, खेल सितारे, शाही व्यक्तित्व और बहुत कुछ शामिल हैं। पेंडोरा पेपर्स में 380 से अधिक भारतीयों का नाम उल्लेखित है। जिसमें भारतीय क्रिकेट के सुपर स्टार सचिन तेंदुलकर, अनिल अम्बानी, किरण मजूमदार ( बिओकिन के फाउंडर ) , जैकी श्रॉफ तथा अन्य बड़े और भारत के बाहर की पॉप संगीत दिवा शकीरा, सुपरमॉडल क्लाउडिया शिफ़र आदि प्रसिद्द नाम शामिल हैं।

पैंडोरा में सचिन तेंदुलकर का नाम क्यों आया ?

क्रिकेट का भगवान् कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), उनकी पत्नी अंजल और उनके ससुर का नाम पैंडोरा पेपर्स (Pandora Papers) लीक में आया है. सचिन और उनके परिवार के दूसरे सदस्यों के नाम पर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (BVI) में एक ऑफ़-शोर कंपनी थी, जो 2016 में बंद कर दी गई थी। इनके ज़रिए सचिन तेंदुलकर का कितना कितना टैक्स ”बचाया” गया। ये बात अभी ठीक तरह से नहीं कही जा सकती है। पर सचिन की तरफ से उनके सभी शेयर की खरीद और बिक्री के सभी डॉक्यूमेंट टैक्स डिटेल्स के साथ पेश किये जा चुके हैं।

ऑफ़-शोर कंपनी क्या होती हैं What is an off-shore company?

अगर कोई व्यक्ति अपने देश के आलावा किसी दूसरे देश में कंपनी खोल ले, तो वो कंपनी कहलाती है ऑफ शोर कंपनी। और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड टैक्स हेवन माने जाते हैं यानी कि ऐसी जगह, जहां टैक्स बचाने, टैक्स चोरी और काले पैसे को सफेद बनाने के साधन मौजूद होते हैं। कहा ये जा रहा है कि इसी तरह की कई कंपनी सचिन तेंदुलकर और अनिल अम्बानी के नाम पर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (BVI) चलती थीं।

ऑफ शोर लॉ फर्म क्या है (What is Offshore Law Firm)

ये एक ऑफशोर लॉ फर्म एक ऐसी फर्म होता हैं, जो विश्व के किसी भी आदमी को ऑफशोर कम्पनियां बेचने और खरीदने में सहायता प्रदान करती हैं ये एक फेक होती हैं जो अपने प्रोमोटरों को उनके बिज़नस डीलिंग से सम्बंधित सभी जानकारियों को छुपाने का मौक़ा देती है।

इस कंपनी के विश्व भर में दर्जन से भी अधिक गुप्त कार्यालय होते हैं. इन ऑफशोर लॉ फर्म का काम ऐसे ऑफशोर कंपनी को बनाना, बेचना और नियंत्रित करना होता है। इनका ऑफशोर कंपनी का मुख्य काम अपने प्रमोटर या मालिक को टैक्स से बचाने के लिए अनेक प्रदान करना होता है जिसमें मनी लौन्डरिंग भी एक तरीका है और ये ऑफशोर लॉ फर्म आपको एक गुप्त अकाउंट बनाने की सुविधा भी देती है जिसके लेन देन को कहीं से ट्रैक न किया जा सके।

अंत में

कुल मिला कर अगर एक सीधे शब्दों में कहें तो पैंडोरा पेपर्स लीक में उन्ही बड़े और रसूखदार लोगों के नाम हैं जिन्होंने टैक्स से बचने के लिए इस तरह के तरीकों का इस्तेमाल किया और उनके पेपर उनकी ऑफशोर लॉ फर्म से लीक हो गए हैं। हालाँकि इस तरह की कोशिश हमेशा से होती रही है पैंडोरा पेपर्स लीक में ज्यादातर अनेक देशों के रसूखदार लोग के नाम , सेलिब्रिटयों के नाम और स्पोर्टस्टार्स के नाम हैं इसलिए ये मुद्दा प्रकाश में आते ही सुर्ख़ियों में आ गया।

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